पितृदोष के लक्षण ओर उपाय ( Symptoms of Pitrudosha & Remedies )
** " ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग ग्रहों के बुरे योग से बनने वाले पितृदोष को सफलता और सुख में बाधा बताया गया है। पितृदोष कुटुंब में कई तरह की परेशानियों की वजह भी माना गया है।यहां बताई गई ये बातें जिसके साथ भी घटे उसे समझ जाना चाहिए कि उस पर पितृ दोष का प्रभाव है।पितृ शांति के उपाय करने से पितृ दोष से आप मुक्त हो हो सकेते हो ओर आप के 7 पूर्वाजो की भी अच्छी गति होती है ओर उनको उनके करमो अनुसार उनको नये जनम की प्राप्ति होती है !
1) धन, सुख-सुविधा, परिवार से समृद्ध होने पर भी शुभ और मंगल कार्य नहीं हो पाते।
2) पुत्र या पुत्री शिक्षित और आत्मनिर्भर होने पर भी उनके विवाह में देरी या बाधाएं आती है।परिवार मे अविवाहितो की संख्या अधिक होना!
3) संतान उत्पति मे परेशानी! लगातार गर्भपात !
4) कड़ी मेहनत करने पर भी बुरे परिणाम मिलना।
5) घर-परिवार के कोई भी काम पूरा होने वाला हो, तभी उसमें रुकावट आती है।
6)अच्छी कमाई और धन होने पर भी बचत नहीं होती।
7)पिता और पुत्र के बीच गहरे मनमुटाव और तनाव , पिता से वेचारिक मतभेद !
8)घर मे हमेशा क्लेश बना रहना और परिवार के सभी सदस्यों में आपसी मन-मुटाव।
9) सगाई होकर टूट जाना या पति-पत्नी में हमेशा झगड़े बने रहना।
10) अनावस्यक क्रोध का आना!
11) चिंता और रोगों से परेशान और बेचैन रहते हों।
12) अप्रकर्तीक मोत!
13) वेवाहिक जीवन अस्त व्यस्त!
14) नोकरी अचानक छूट जाना
2) पुत्र या पुत्री शिक्षित और आत्मनिर्भर होने पर भी उनके विवाह में देरी या बाधाएं आती है।परिवार मे अविवाहितो की संख्या अधिक होना!
3) संतान उत्पति मे परेशानी! लगातार गर्भपात !
4) कड़ी मेहनत करने पर भी बुरे परिणाम मिलना।
5) घर-परिवार के कोई भी काम पूरा होने वाला हो, तभी उसमें रुकावट आती है।
6)अच्छी कमाई और धन होने पर भी बचत नहीं होती।
7)पिता और पुत्र के बीच गहरे मनमुटाव और तनाव , पिता से वेचारिक मतभेद !
8)घर मे हमेशा क्लेश बना रहना और परिवार के सभी सदस्यों में आपसी मन-मुटाव।
9) सगाई होकर टूट जाना या पति-पत्नी में हमेशा झगड़े बने रहना।
10) अनावस्यक क्रोध का आना!
11) चिंता और रोगों से परेशान और बेचैन रहते हों।
12) अप्रकर्तीक मोत!
13) वेवाहिक जीवन अस्त व्यस्त!
14) नोकरी अचानक छूट जाना
* जिन जातक की कुंडली मे पितृदोष हो उनको पितृ शांति के उपाय करने से से घर में प्रसन्नता और खुशहाली आती है।रुके हुए सारे काम जैसे शादी होना , नोकरी , धंधे मे प्रगती , घर मे शांति , संतान होना वगेरा पितृ के आशीर्वाद से घर मे मांगलिक कार्य 3 से 6 महीनो मे होने शुरू होते है !साथ ही पितृ दोष की शांति होती है